भोले बाबा महादेव मैं,नित तेरा गुणगान करुॅं, शिव चरणों में अर्पित मन से, भो…
बिना पंखों का पाखी (मन ) पंख पसार दूर गगन में , ऊँची उड़ान भरते है पंछी। …
रघुकुल भानु राघव राम, सिया संग जो पधारे हैं। हुई पावन धरा फिर से, सजे ध…
जंगल का राजा बच्चों मैं हूँ जंगल का राजा, शेर हैं मेरा न…
अहो पथिक किस ओर चलें, कहाॅं तुम्हारा धाम है? अभी कितनी दूर है मंजिल? और क्या तुम्हार…
जब प्यार के नव कोंपलों का , नव पल्लवन हृदय में होता हैं। ख्वाबों के पंख मिल जाते हैं…
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