मम्मी जी ओ मम्मी जी
मम्मी जी ओ मम्मी जी,
कितना भारी बस्ता हैं।
पैदल हमको जाना हैं,
और इतना लम्बा रास्ता हैं।
मम्मी जी क्यों ऐसा होता,
स्कूल जाते रास्ता लम्बा लगता।
टीचर जी को देख जी घबराता ,
गणित के सवालों से सर चकराता।
जब छुट्टी की घंटी टन - टन बोली,
और मिल जाएँ जब मित्रों की टोली।
डर, थकान भागे,आती चुस्ती, फुर्ती,
फिर शुरू होती दोस्तों की मस्ती।

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