प्यार के परिंदे



जब प्यार के नव कोंपलों का ,
नव पल्लवन हृदय में होता हैं। 
ख्वाबों के पंख मिल जाते हैं,
हर कोई प्यार का परिन्दा होता हैं। 
प्यार के परिंदों का,
एक खूबसूरत जहान होता हैं। 
दिल की जमीं होती हैं,
प्यार भरा आसमाँ होता हैं। 
एहसास में खोए ये अक्सर,
कल्पनाओं की उड़ान भरते हैं। 
धड़कनों की जुबाँ समझते हैं,
और निगाहों से बाते करते हैं। 
प्यार में खोए ये दिल,
दुनिया से अन्जाने होते हैं। 
रिवाजों और पहरों से बेखबर,
ये बस प्रेम दिवाने होते हैं। 
जिन्दगी एक गीत जैसे,
मोहब्बत का साज होता हैं। 
आगाज को अंजाम का पता नहीं,
हर कोई बिन पंख परवाज होता हैं। 




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