साकारात्मक दृष्टिकोण

साकारात्मक  दृष्टिकोण 


अस्तित्व  के मिट जाने पर ,
अनास्तित्व का अस्तित्व रहता हैं। 
सफलता के ना मिलने पर ,
असफलता की सफलता होती हैं। 
सम्भव ना हो सके कुछ भी जब ,
असम्भव का होना सम्भव होता हैं। 
समय से बँधा होता हैं हर इंसान ,
हर इंसान के समय का भी अपना एक समय होता हैं। 
इंसान ही राह पर पड़े पत्थरों से ठोकर नहीं खाते ,
उन पत्थरों को भी पैरों से लगी ठोकर का एहसास होता हैं ,

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