जै जै मैया तेरी जै भवानी,
मैया भगवती मेरी सिंहवाहिनी।
शंख, चक्र, गदा, त्रिशूल धारिणी,
ऊॅंचौ डाना बसी रै मेरी पहाड़ वासिनी।
लाल - लाल चुनरी ओढ़ी,
जब सिंह में आलि।
आठ हाथों में मेरी भवानी,
सुख समृद्धि लालि।
दुख दर्द हर दे मैया महिषमर्दिनी,
ऊॅंचौ डाना बसी रै मेरी पहाड़ वासिनी।
जै जै मैया तेरी जै भवानी,
मैया भगवती मेरी सिंहवाहिनी।
माठू माठू एजा मैया,
तेरौ इंतजार छु,
धूप - बाती, फूल - पाती,
चौकी ले तैयार छु।
धर दे चरण म्यर कुटी में चंद्रबदिनी,
ऊॅंचौ डाना बसी रै म्यरी पहाड़ वासिनी।
जै जै मैया तेरी जै भवानी,
मैया भगवती मेरी सिंहवाहिनी।
तू छै मैया जगत जननी,
मेरी छ अबोध भक्ति।
फूल पाती की सेवा मेरी,
तेरी छ अपार शक्ति।
म्यर सेवा स्वीकारै मैया मां भवानी,
ऊॅंचौ डाना बसी रे मेरी पहाड़ वासिनी।
जै जै मैया तेरी जै भवानी,
मैया भगवती मेरी सिंहवाहिनी।
हाथ जोड़ू सुन ले मैया,
निर्धन क पुकारा।
नवरात्रि में तेरी ज्योति ले,
भरी रौ भंडारा।
सुन ले मेरी विनती मैया वरदायिनी,
ऊॅंचौ डाना बसी रे मेरी पहाड़ वासिनी।
जै जै मैया तेरी जै भवानी,
मैया भगवती मेरी सिंहवाहिनी।
0 Comments