माता शैलपुत्री का भजन

आदिशक्ति माता भवानी 
अष्ट भुजा नव दुर्गे मां 
नौ दिन माता तुझको अर्पण
वरद हस्त सर रख दे मां।

दुर्गा मां की प्रथम स्वरूपा
प्रथम रूप शैलपुत्री मां।
शैलराज हिमपति सुता तुम, 
प्रथम पूज्य शैलपुत्री मां। 
हैमवती तुम, पार्वती तुम, 
हो सारे जग की जननी मां।
नौ दिन माता तुझको अर्पित 
वरद हस्त सर रख दे मां।

वृषारूढ़ कहलावै माता,
वृषभ वाहन पर विराजित।
दाहिने हाथ त्रिशूल सुहावै, 
बाएं हाथ कमल सुशोभित।
धूप दीप श्रद्धा से जलाऊं 
भक्ति मेरी स्वीकार करो मां
नौ दिन माता तुझको अर्पित 
वरद हस्त सर रख दे मां।

स्थिर कर चंचल चित्त मैं,
योग, साधना, ध्यान करूं। 
तन मन मेरा तुझे समर्पित, 
मां तेरा गुणगान करूं।
मन हो मेरा तेरे चरणों में, 
तेरी कृपा दृष्टि मिल जाएं मां।
नौ दिन माता तुझको अर्पित, 
वरद हस्त सर दे मां।

आरती का थाल सजाऊं, 
गुंथु प्रेम से गल माला।   
प्रथम भोग में तुझे लगाऊं,
तेरी नाम की पूजूं नौ बाला। 
तुम ही मेरी माता भवानी, 
स्नेह मुझे भी दे दो मां।
नौ दिन माता तुझको अर्पित, 
वरद हस्त सर रख दो मां।

आदिशक्ति माता भवानी 
अष्ट भुजा नव दुर्गे मां 
नौ दिन माता तुझको अर्पण
वरद हस्त सर रख दे मां।

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