शिवार्चना




शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ, हे त्रिलोचनाय। 

आठों पहर तेरा जाप करूं, 
समाधि में खो करके ध्यान करूं। 
बता देना शंभू मेरे भोले बाबा, 
मैं कैसे तेरा गुणगान करूं। 

शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ, हे त्रिलोचनाय। 

शिवलिंग को तेरे जल अर्पण करूं,
चरणों में तेरे समर्पण करूं। 
हैं अर्पित ये जीवन तेरी सेवा में, 
तेरी भक्ति को अपना मैं दर्पण कहूं।

शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ, हे त्रिलोचनाय। 

तुझे दूध चढ़ाऊं, बेलपत्र चढ़ाऊं,
नैवेद्य चढ़ाऊं, मीठा भोग लगाऊं। 
मेरा दाता है तू मेरे भोलेनाथ, 
बता तेरा दिया कैसे तुझको चढ़ाऊं।

शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ, हे त्रिलोचनाय। 

सृष्टि के कण-कण में देवा तेरा वास है,
मेरे सुख दुख में तेरा ही आभास है। 
धरती से अंबर तक तेरी ही भक्ति करूं, 
मेरे तन में जब तक एक भी सांस है।

शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ, हे त्रिलोचनाय। 

तेरे चरणों में मुझको पनाह चाहिए, 
तेरी भक्ति की मुझे न वजह चाहिए। 
तेरा एक नाम काफी तुझे पाने को, 
तुझे पाने को मुझे ना शिवाला चाहिए।

शिवम शिवाय, नमः शिवाय, 
त्रिलोकीनाथ हे त्रिलोचनाय।

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