ना कह मोहब्बत का खुदा

ना कह मुझे यूं मोहब्बत का खुदा, 
गर कहती है तो कभी बेवफाई का इल्जाम ना देना। 
क्योंकि खुदा कभी किसी एक का नहीं होता, 
तू सिर्फ मेरा बन कर रह फिर कभी ये ना कहना। 
मैं दीवाना हूं तेरी मोहब्बत में, 
मुझे अपने दिल में पनाह दे। 
खुदा बन हर दिल में मेरी इबादत हो, 
तुझे कसम, मेरे सर ना ये गुनाह दे। 
मैं फिरता रहूं बन कर फकीर, 
हरदम तेरे नाम का कलमा पढूं। 
सांसे तू ले और जिंदा मैं रहूं, 
तेरी जुदाई के खौफ से हर पल सहमा हूं। 
मैं ख्वाब बन सजूं पलकों पर तेरी, 
गीत बनकर तेरे होठों पर रहूं। 
धड़कता रहूं धड़कन बन दिल में तेरे, 
लकीरें बन हर पल तेरी हथेली पर रहूं। 
मैं हमसफर हूं तेरा, खुदा कभी बन नहीं सकता, 
ना मोहब्बत को मेरी किसी इबादत का नाम दे। 
तू धरती मैं आसमां ही सही तेरा, 
यह तहजीब है मोहब्बत की इसे नजाकत का नाम दे।

Post a Comment

0 Comments