राखी की डोर में

राखी की डोर को, बाॅंधू स्नेह में,
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

कहने को राखी एक, 
नाजुक सी डोर हैं।
सुख दुख की साॅंझ की ये,
आशा भरी भोर हैं।
खुशियों से रोशनी हो,
तेरे इस गेह में।
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

सकती हैं राखी जब, 
तेरी कलाई में।
जीवन की सारी खुशी,
दिखे मेरे भाई में।
देख विश्वास मेरा,
राखी की उरेह में।
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

तेरी मुस्कान पर,
जीवन ये वार दूॅं।
लगे कोई नजर तो मैं,
नजर उतार दूॅं।
जो माॅंगे तू वो मिले,
तुझको अछेह में।
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

रेशम की डोरी में,
मेरा विश्वास हैं।
तू ही हैं मान मेरा,
तुझ से ही आस हैं।
आस विश्वास कभी,
रहे ना संदेह में।
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

माॅंगू दुआएं रब से,
भाई तेरे वास्ते।
मंजिल हो एक, 
चाहे अलग हो रास्ते।
रूठे जो कभी हम, 
रूठे स्नेह में।
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।
राखी की डोर को, बाॅंधू स्नेह में,
लाखों दुआएं हैं भाई मेरे नेह में।

Post a Comment

0 Comments