एक थे बड़े भुलक्कड़ जी ,
काम थे करते उल्टे जी।
एक दिन वे नौकर से बोले ,
मैं आज उबला अण्डा खाऊँगा।
कैसे उबालूं बस इतना बतला दो ,
मैं खुद ही अण्डा उबालूंगा।
नौकर मन ही मन में बोला ,
कैसे मालिक को समझाऊँ।
भूलने की हैं आदत इनको ,
कैसे भला इनको बतलाऊँ।
उबल रहा हैं पानी देखो ,
पानी में डाल देना अण्डे को।
आप देखना समय घड़ी में ,
उबलने देना कुछ पल अण्डे को।
हाय भूल गए सब भुलक्कड़ जी,
नौकर भी गया अब बाहर की ओर।
डाल घड़ी को उबलते पानी में ,
भुलक्कड़ जी देख रहे थे अण्डे की ओर।



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