
उधर पेड़ पर बैठी कोयल ,
मीठे बोल सुनाती हैं
काली कोयल मधुर स्वरों से ,
काली कोयल मधुर स्वरों से ,
सब का मन लुभाती हैं।
मधुर स्वर सुनते ही देखो ,
मधुर स्वर सुनते ही देखो ,
सबका मन हर्षाया ,
गीत -गीत में काली कोयल ने ,
गीत -गीत में काली कोयल ने ,
सुंदरता का राज बताया।
मैं भी काली ;कौआ भी काला ,
मैं भी काली ;कौआ भी काला ,
फिर भी सबको मेरा स्वर भाता ,
मैं हूँ मीठे स्वर की रानी ,
कौआ कर्कश स्वर में गाता।
इसीलिए कहती हूँ सुन लो ,
इसीलिए कहती हूँ सुन लो ,
सुन्दरता तो व्यवहार से आती।
वाणी मधुर हो ;पावन मन ,
वाणी मधुर हो ;पावन मन ,
व्यवहार में सबके लिए हो प्यार ,
आदर -सम्मान का पाठ सीखकर ,
आदर -सम्मान का पाठ सीखकर ,
लाओ जीवन में नित्य -निखार।
मेरी तरह तुम भी बन जाओ ,
मेरी तरह तुम भी बन जाओ ,
वाणी से जीत लो यह संसार ,
सुन्दर होगा तन भी मन भी ,
सुन्दर होगा तन भी मन भी ,
जन -जन से मिलेंगा स्नेह -अपार।
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