डॉ भीमराव अंबेडकर

भारत - भूमि  के  उज्जवल  प्रांगण में,
भारत  के  लाल  ने  जन्म  लिया।
मानों  आज़ादी  को  सार्थक करने हेतु ,
महान व्यक्तित्व ने धरा पर पदार्पण किया। 
जहाँ  आज़ादी  को  भर  अंक  में,
जन -जन ने स्वयं को गौरवान्वित मान लिया।
उसी पल भारत के लाल की दूरदर्शिता ने,
भारत   का   भविष्य   जान    लिया।
शिक्षा, संस्कार  और सभ्यता  का ,
संगम   करना   जरूरी      होगा।
मानव, मानव को समान समझे,
ऐसा कुछ न कुछ तो करना जरूरी होगा। 
देख  अन्य  देशों  का  विकास,
स्वदेश  विकास  का  स्वप्न  सजाया।
चुन - चुन के सभी देशों के गुणों को,
स्वदेश   हित  का   बिगुल  बजाया। 
किया  एक  समिति  का  निर्माण,
स्वयं   समिति   के   अध्यक्ष   बनें। 
"वसुधैव कुटुम्बकं" का भाव निहित था जिनमें,
ऐसे   समिति   के   सदस्य   चुनें।
लोकतन्त्र  की  नींव  रखीं  और ,
लिखा   विधि   का   नया   विधान। 
२ वर्ष ,११माह, और १८ दिन में,
लिखा  गया  भारत  का  संविधान।
तेजस्वी, यशस्वी, महान , विभूति का,
स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया वह नाम। 
सच्चे शब्दों में भारत के लाल कहलाएं,
डॉ.  भीमराव  आंबेडकर  हैं  उनका  नाम।

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