एक मुलाकात जिन्दगी बन गई




EK MULAKAT JINDAGI BAN GAYI

लड़का -
कुछ अधरों पर मुस्कुराते हुए,
बिखरी जुल्फों को हाथों से संवारते हुए,
एक - एक कदम बढ़ा रही थी वो मेरी तरफ,
वो मुझे देख पलकें झुकाते हुए,
वो होठों की मुस्कान से आने का सबब कह गई।

लड़की -
उसका यूं बेसब्र हो मेरा इंतजार करना,
कुछ आंखों से कुछ होठों पर मुस्कुराना,
मुझे देख अपनी तरफ आते वो उसका,
अदब से कुछ कदम चलकर मेरी तरफ आना,
वो उसकी आंखों का इंतजार मुझसे सब कह गया।

लड़का -
पलकों की चिलमन जो उठी खूबसूरत आंखों से,
मेरी आंखे बेकल थी कुछ कहने को उसकी आंखों से,
यूं शर्म से उसने झुका ली जो पलकें अपनी,
जैसे एक पल में मेरी आंखों ने सब कह दिया उसकी आंखों से,
उसकी झुकती पलकें मेरी आंखों का पैग़ाम पढ़ गई।

लड़की -
तेरे ख्वाबों को में अपनी पलकों में पनाह दूं,
तेरी खामोशी को तू कहे तो अपने लफ्जों में जगह दूं,
काश ये लम्हा इस पल यहीं पर ठहर जाएं,
तू आंखो से इजहार कर मैं भी आंखों में इकरार कर दूं,
मेरी हर खामोशी को वो अपने अनकहे शब्दों से कह गया।

लड़का -
हमराह बनकर उसका यूं मेरे साथ चलना,
मेरी हर बात के जवाब में यूं मुस्कुरा देना,
करीब होकर भी थे मिलों के फासले दरमियां,
मेरे हर लफ्ज़ को अपनी खामोशी में सहेज लेना, 
इस फासले के दरमियां वो मेरी जिंदगी के करीब आ गई।

लड़की -
कुछ बातों का सिलसिला शुरू हुआ फिर,
यूं ही कदम दो कदम साथ चलते - चलते,
वो चलता रहा में पीछे ठहर सी गयी पल भर,
जब उसका हाथ मेरे हाथ से टकराया चलते - चलते,
वो चलते - चलते कुछ इस तरह ताउम्र साथ चलने का वादा कर गया।

लड़का -
हंसते - मुस्कुराते हर पल तेजी से जा रहा था,
देखते - देखते जुदाई का लम्हा करीब आ रहा था,
अभी - अभी तो शुरू हुआ था सिलसिला उसकी बातों का,
अभी - अभी तो उसकी हर बात में मेरा जिक्र हो रहा था,
बातों - बातों में हर बात में वो मुझसे कुछ बात कह गई।

लड़की - 
अभी - अभी तो उसने होठों से मेरा नाम लिया था,
इशारों - इशारों में मुझसे इश्क़ -ए - इज़हार किया था,
अभी - अभी तो हमराह से हमसफ़र बनने का ख्याल आया था,
अभी - अभी तो मैंने उस लम्हें को पलकों पर सजाया था,
मेरे दिल के किसी कोने पर वो अपना नाम लिख गया।

लड़का -
यूं लम्हा - लम्हा गुजर गया साथ चलते - चलते,
कदमों को रुकने की चाहत थी मगर चलते - चलते,
उसका मुड़कर ये कहना अपना ख्याल रखना,
उसकी एक बात मेरे हर सवाल का जवाब दे गई,
उसकी वो मुस्कान उसके दिल का हर राज कह गई।

लड़की -
मुझे देख बादलों, तो कभी कलियों की,
ना जाने कितनी तारीफें की उसने खूबसूरत नजारों की,
पर वो ना कह सका जो कहना चाहता था वो,
दिल का ख्वाब कह गया वो कहकर ख्वाहिशें पंछियों की,
उसका ना कहना ही मुझसे दिल की हर बात कह गया।

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