
बिल्ली मौसी बड़ी सयानी ,
हरदम करती अपनी मनमानी।
हम हैं छोटे -मोटे से चूहे ,
क्यों हमको आँख दिखाती हो।
लुक -छुप कर इधर -उधर से ,
हम पर झपटती खाने को।
हम खाते हैं कागज -कपड़ा ,
तुम खाती हो दूध -मलाई।
तुमसे डर कर हम सपने में भी ,
क्यों हमको आँख दिखाती हो।
लुक -छुप कर इधर -उधर से ,
हम पर झपटती खाने को।
हम खाते हैं कागज -कपड़ा ,
तुम खाती हो दूध -मलाई।
तुमसे डर कर हम सपने में भी ,
चिल्लाते भागों बिल्ली आयी।
बिल्ली मौसी झगड़ा छोड़ो ,
दोस्ती कर ले हम और तुम।
हमें करने दो धमा -चौकड़ी ,
चैन की नींद सो जाओ तुम
ना छोड़ूगीं मैं तुम चूहों को ,
दिन -भर शोर मचाते हो।
काट -कुतर कर कागज कपड़ा ,
घर को कूड़ादान बनाते हो।
जाकर छुप कर बैठो बिल में ,
फिर ना आना बाहर तुम।
बिल्ली मौसी झगड़ा छोड़ो ,
दोस्ती कर ले हम और तुम।
हमें करने दो धमा -चौकड़ी ,
चैन की नींद सो जाओ तुम
ना छोड़ूगीं मैं तुम चूहों को ,
दिन -भर शोर मचाते हो।
काट -कुतर कर कागज कपड़ा ,
घर को कूड़ादान बनाते हो।
जाकर छुप कर बैठो बिल में ,
फिर ना आना बाहर तुम।
ज्यों ही बिल्ली झपटी चूहों पर ,
चूहें भागें दबाकर दुम।
चूहें भागें दबाकर दुम।

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